O Mere Sona Re Sona [Revival]

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूँगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना

ओ मेरी बाँहों से निकलके
तू अगर मेरे रस्ते से हट जाएगा
तो लहराके हो बलखाके
मेरा साया तेरे तन से लिपट जाएगा
तुम छुड़ाओ लाख दामन
छोड़ते हैं कब ये अरमाँ
के मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूँगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना

ओ मियाँ हमसे न छिपाओ
वो बनावट की सारी अदाएँ लिये
कि तुम इसपे हो इतराते
के मैं पीछे हूँ सौ इल्तिज़ाएं लिये
जी मैं खुश हूँ मेरे सोनो
झूठ है क्या सच कहो ना
के मैं भी साथ रहूँगी रहोगे जहाँ
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूँगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना

ओ फिर हमसे न उलझना
नहीं लट और उलझन में पड़ जाएगी
ओ पछताओगी कुछ ऐसे
के ये सुरखी लबों की उतर जाएगी
यह सज़ा तुम भूल न जाना
प्यार को ठोकर मत लगाना
के चला जाऊंगा फिर मैं न जाने कहाँ

ओ मेरे सोना रे सोना रे सोना रे
दे दूँगी जान जुदा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे
मैंने तुझे ज़रा देर में जाना
हुआ कुसूर खफ़ा मत होना रे

Trivia about the song O Mere Sona Re Sona [Revival] by Asha Bhosle

Who composed the song “O Mere Sona Re Sona [Revival]” by Asha Bhosle?
The song “O Mere Sona Re Sona [Revival]” by Asha Bhosle was composed by Majrooh Sultanpuri, R D Burman.

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