Panchhi Re O Panchhi [Classic Revival]

SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan

पंछी रे ओ पंछी
उड़ जा रे ओ पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाए ना दो दिल दीवाने

पंछी रे ओ पंछी
उड़ जा रे ओ पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाए ना दो दिल दीवाने
पंछी रे ओ पंछी
उड़ जा रे ओ पंछी

गा रही है ज़िन्दगी
मन के सुर बहार पे
गा रही है ज़िन्दगी
मन के सुर बहार पे

आसमां पे छाएँगे
अब ये गीत प्यार के
पंछी रे ओ पंछी
उड़ जा रे ओ पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाए ना दो दिल दीवाने
पंछी रे ओ पंछी
उड़ जा रे ओ पंछी

ये मिलन की रागिनी
एक मैं और एक वो
ये मिलन की रागिनी
एक मैं और एक वो

मिल गए एक हो गए
आज हम नहीं हैं दो
पंछी रे ओ पंछी
उड़ जा रे ओ पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाए ना दो दिल दीवाने

पंछी रे ओ पंछी
उड़ जा रे ओ पंछी
मत छेड़ तू ये तराने
हो जाए ना दो दिल दीवाने

पंछी रे ओ पंछी
आ आ
उड़ जा रे ओ पंछी

आ आ
पंछी रे

Trivia about the song Panchhi Re O Panchhi [Classic Revival] by Asha Bhosle

Who composed the song “Panchhi Re O Panchhi [Classic Revival]” by Asha Bhosle?
The song “Panchhi Re O Panchhi [Classic Revival]” by Asha Bhosle was composed by SHAILENDRA, Shankar-Jaikishan.

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