Panwaran Hoon Main Lucknow Ki [Lofi]

NAQSH LYALLPURI, SAPAN JAGMOHAN

पंवरान हूँ मैं लखनऊ की
हो पंवरान हूँ मैं लखनऊ की
ले साजनवा खले पँवा
दे दे बदले में थोड़ा सा प्यार
आज सौदा नकद कल उधार
आज सौदा नकद कल उधार
आज सौदा नकद कल उधार
आज सौदा नकद कल उधार

खूब जणू मैं चुना लगाना
और चूने में कथा मिलाना
मेरे पानो की लाली न छूटे
मेरे पानो की लाली न छूटे
शहर सारा ही मेरा दीवाना
शहर सारा ही मेरा दीवाना
खाके माँगेगा तू बार बार
आज सौदा नकद कल उधार
आज सौदा नकद कल उधार

ये तो है चोरो की नगरिया
तुझको नहीं इसकी ख़बरिया
कोई धोखा कहीं खा न जाना
कोई धोखा कहीं खा न जाना
तेरी दौलत पे सबकी नजरिया
तेरी दौलत पे सबकी नजरिया
रहना ऐसे में तू होशियार
आज सौदा नकद कल उधार
आज सौदा नकद कल उधार

Trivia about the song Panwaran Hoon Main Lucknow Ki [Lofi] by Asha Bhosle

Who composed the song “Panwaran Hoon Main Lucknow Ki [Lofi]” by Asha Bhosle?
The song “Panwaran Hoon Main Lucknow Ki [Lofi]” by Asha Bhosle was composed by NAQSH LYALLPURI, SAPAN JAGMOHAN.

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