Phir Wahi Raat

Majrooh Sultanpuri, R D Burman

आह
फिर वही हमतुम फिर वही तनहाई फिर वही रात आओना
फिर वही रात आई जाने जान
फिर चली है दिल में आंधियाँ
हो फिर वही रात आई जाने जान
फिर चली है दिल में आंधियाँ
आरे गुपचुप आरे आजारे
फिर वही रात आई जाने जान
फिर चली है दिल में आंधियाँ
आरे गुपचुप आरे आजारे
फिर वही रात आई जाने जान
फिर चली है दिल में आंधियाँ

हो तोड़े कई बंधन तो पाया तेरा प्यार
छाई मेरे तन पे गज़ब की बहार
तोड़े कई बंधन तो पाया तेरा प्यार
छाई मेरे तन पे गज़ब की बहार
उपर से रेशमी हा उपर से रेशमी अँधेरा मेरी जान
आरे गुपचुप आरे आजारे
फिर वही रात आई जाने जान
फिर चली है दिल में आंधियाँ

हो देखो ज़रा छू के आओ ना मेरे पास
दर के मिलन से बुझेगी नही प्यास
देखो ज़रा छृ के आओ ना मेरा पास
दर के मिलन से बुझेगी नही प्यास
डूब के मुझे भी हा डूब के मुझे भी डूबादो सजना
आरे गुपचुप आरे आजारे
फिर वही रात आई जाने जान
फिर चली है दिल में आंधियाँ
आरे गुपचुप आरे आजारे
फिर वही रात आई जाने जान
आरे गुपचुप
आरे गुपचुप
फिर वही रात आई जाने जान

Trivia about the song Phir Wahi Raat by Asha Bhosle

Who composed the song “Phir Wahi Raat” by Asha Bhosle?
The song “Phir Wahi Raat” by Asha Bhosle was composed by Majrooh Sultanpuri, R D Burman.

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