Pyar Ki Raah Bahar Ki Manzil

Khumar Barabankvi

हा हा हा हा आ हा आ हा
हा हा हा हा आ हा आ हा

प्यार की राह बहार की मंज़िल
प्यार की राह बहार की मंज़िल
पाने वाले पा ही गए

प्रीत की रीत निभाने वाले
प्रीत की रीत निभाने वाले
बनके साथी आ ही गए

दिल से हुआ है दिल का मिलन
धरती का झुक झुक चुमे गगन
हा हा हा आ हा आ हा
झूम उठी अशा की घटा
नाच उठा उल्फ़त का चमन
फूल भी देखले रूप तुम्हारा
जानेमन शर्मा ही गए
प्यार की राह बहार की मंज़िल(प्यार की राह बहार की मंज़िल)
प्यार की राह बहार की मंज़िल(प्यार की राह बहार की मंज़िल)
पाने वाले पा ही गए(पाने वाले पा ही गए)

दीप खसुहि के दिल में जले
ग़म के घनेरे साये ढले
लगता है ऐसा पाके तुम्हे
दुनिआ है जैसे पावो तले
प्रीत की रीत वफ़ा के नग्मे
सारे जग में छाही गए
प्रीत की रीत निभाने वाले
प्रीत की रीत निभाने वाले
बनके साथी आ ही गए

जान से प्यारा है ये सफ़र
शाम है अपनी अपनी सहर
हा हा हा हा आ हा आ हा
कैद से पंछी छूट गए
दूर हुआ सैयद का दर
प्यार की मौज में दुब के दो दिल(प्यार की मौज में दुब के दो दिल)
आज किनारा पा ही गए(आज किनारा पा ही गए)
प्यार की राह बहार की मंज़िल(प्यार की राह बहार की मंज़िल)
प्यार की राह बहार की मंज़िल(प्यार की राह बहार की मंज़िल)
पाने वाले पा ही गए(पाने वाले पा ही गए)

Trivia about the song Pyar Ki Raah Bahar Ki Manzil by Asha Bhosle

Who composed the song “Pyar Ki Raah Bahar Ki Manzil” by Asha Bhosle?
The song “Pyar Ki Raah Bahar Ki Manzil” by Asha Bhosle was composed by Khumar Barabankvi.

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