Sun Sun Re Sarkari Mehman

Ravindra Jain

सुन सुन रे सरकारी मेहमान
ओ दरोगा ओ सिपैया नादान
तोसे मिलने को चली आई जुल्मी
तोसे मिलने को चली आई जुल्मी
मैं तो लेके हथेली पे जान
मैं तो लेके हथेली पे जान
सुन सुन रे सरकारी मेहमान
ओ दरोगा ओ सिपैया नादान
ओ दरोगा बाबू

देखा ना तुझसा छैल छबीला
के मैने देखे कितने लोग
देखा ना तुझसा छैल छबीला
के मैने देखे कितने लोग
कैसे कहु मैं बात जिया की
के आजू बाजू कितने लोग
मेरे सपनो मे नित आए जाए
मेरे सपनो मे नित आए जाए
एक ऐसा ही बांका जवान
एक ऐसा ही बांका जवान
सुन सुन रे सरकारी मेहमान
ओ दरोगा ओ सिपैया नादान
ओ थानेदार

खड़ी रहूंगी पीपल के नीचे
हो मैं तो तेरे वासते
खड़ी रहूंगी पीपल के नीचे
हो मैं तो तेरे वासते
तोड़ के आना सारी ज़ंज़ीरे
हा तू भी दिल के रास्ते
चुपके चुपके हम मिल जाएँगे
चुपके चुपके हम मिल जाएँगे
और दुनिया रहेगी अंजान
और दुनिया रहेगी अंजान
सुन सुन रे सरकारी मेहमान

Trivia about the song Sun Sun Re Sarkari Mehman by Asha Bhosle

Who composed the song “Sun Sun Re Sarkari Mehman” by Asha Bhosle?
The song “Sun Sun Re Sarkari Mehman” by Asha Bhosle was composed by Ravindra Jain.

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