Wo Din Kaha Gaye Mere

Prem Dhawan

वो दिन कहाँ गए मेरे
वो दिन कहाँ गए मेरे
वो दिन कहाँ गए
सपनों से मीठे
गीतों से प्यारे
वो दिन कहाँ गए मेरे
वो दिन कहाँ गए

बैरन वो है कौन घडी थी
पलकों की खिड़की
मैं खोले खड़ी थी
बैरन वो है कौन घडी थी
पलकों की खिड़की
मैं खोले खड़ी थी
अनजानेपन से
जो आँखें लड़ी थी
अनजानेपन से
जो आँखें लड़ी थी
उन आंखों को भूल गए
वो दिन कहाँ गए मेरे
वो दिन कहाँ गए

तारों से झिलमिल
गगन के नीचे
तारों से झिलमिल
गगन के नीचे
छिप के खड़ी थी मैं
पीपल के पीछे
चुपके से जिसने
मेरे नैन मींचे
चुपके से जिसने
मेरे नैन मींचे
वो छलिया कहाँ गए
वो दिन कहाँ गए मेरे
वो दिन कहाँ गए

ओ मेरे मन
ओ मेरे मन
अब न आँसू बहाए रे
छिप गए जब
तेरे किस्मत के तारे
किस्मत के तारे
काहे को पगले
तू रह रह पुकारे
रह रह पुकारे
वो दिन कहाँ गए मेरे
वो दिन कहाँ गए
सपनों से मीठे
गीतों से प्यारे
वो दिन कहाँ गए मेरे
वो दिन कहाँ गए

Trivia about the song Wo Din Kaha Gaye Mere by Asha Bhosle

Who composed the song “Wo Din Kaha Gaye Mere” by Asha Bhosle?
The song “Wo Din Kaha Gaye Mere” by Asha Bhosle was composed by Prem Dhawan.

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