Woh Chand Nahin Hai Dil Hai
वो चाँद
वो चाँद नहीं है
दिल है किसी दीवाने का
दिल है किसी दीवाने का
वो चाँद
आकाश जिसे कहती दुनिया
आकाश जिसे कहती दुनिया
वो नाम है इक विराने का
वो चाँद
दीवाने के दिल की ही तरह
दीवाने के दिल की ही तरह
वो रातो जलाता रहता है
इस नीद की माटि नगरी में
वो कुछ न किसी से कहता है
है उस में शामा की बेचैनी
है उस में शामा की बेचैनी
और प्यार भी है परवाने का
वो चाँद
जब से पहलू से गया है दिल
किसी पहलु नींद नहीं आती
जो सूरत दिल में समायी है है ए ए ए
जो सूरत दिल में समायी है
वो सूरत दिल से नहीं जाती
वो सूरत दिल से नहीं जाती
आओ आँचल पतला जाओ
क्या रात है दिल में समाने का
क्या रात दिल में समाने का
क्या रात