Yeh Zindagi Ki Uljhanen
ये ज़िंदगी की उलझने
ये ज़िंदगी की उलझने ये गम की महरबानिया
बस अब तो मोत ही मिले तो ख़तम हो कहानिया
ये ज़िंदगी की उलझने ये गम की महरबानिया
बस अब तो मोत ही मिले तो ख़तम हो कहानिया
ओ मेरे प्यार की कली खिली रहे तू उमर भर
मैं कितनी बदनसीब हू की जा रही हू छोड़ कर
ये तेरी मुस्कराहटे ये तेरी बजुबनिया
बस अब तो मोत ही मिले तो ख़तम हो कहानिया
ये ज़िंदगी की उलझने ये गम की मेहेरबानिया
बस अब तो मोत ही मिले तो ख़तम हो कहानिया
बस अब तो गम से हार के पुकारता है दिल यही
बुझा दे उस चिराग को जो दे सके ना रोशनी
मिटा दे ऐसी ज़िंदगी हो जिसमे बदगुमनिया
बस अब तो मोत ही मिले तो ख़तम हो कहानिया