Zara Si Aur Pila Do Bhang

Ravi, Sahir Ludhianvi

ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
के दिल मेरा डोला
ओ जय बम भोला
ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
के दिल मेरा डोला
ओ जय बम भोला

मेरी तो अकल हुई है दंग
ये कैसा बदला तेरा ढंग
के तू था भोला

ओ जय बम भोला

मुझे समझ न तू बैरागी
मैंने आज तपस्या त्यागी
हूँ हूँ हूँ हूँ

इ हे हे हे

मुझे समझ न तू बैरागी
मैंने आज तपस्या त्यागी
तेरे रूप का झटका खा के
मेरी सोइ जवानी जागी
मेरी सोइ जवानी जागी

जा हट जा परे मलंग
करे क्यूँ बिच सभी के तंग
के तू था भोला

ओ जय बम भोला
ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
के दिल मेरा डोला
ओ जय बम भोला

मेरे दिल से निकले हाय
गोरी क्यूँ नख़रे दिखलाये
इ हुन इ हुन इ हे हे हे
इ हुन इ हुन जा जा
मेरे दिल से निकले हाय
गोरी क्यूँ नख़रे दिखलाये
ज़रा हँस के गले से लग जा
तुझे क्वारा प्यार बुलाये
तुझे क्वारा प्यार बुलाये

तेरे तन पर चढ़ गया जंग
यु ही अब क्यूँ छड़काये अंग
के तू था भोला

ओ जय बम भोला
ज़रा सी और पिला दो भंग
मैं आया देख के ऐसा रंग
के दिल मेरा डोला
ओ जय बम भोला

Trivia about the song Zara Si Aur Pila Do Bhang by Asha Bhosle

Who composed the song “Zara Si Aur Pila Do Bhang” by Asha Bhosle?
The song “Zara Si Aur Pila Do Bhang” by Asha Bhosle was composed by Ravi, Sahir Ludhianvi.

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