Zindagi Men Sada Muskurate Raho

Ganesh, Naqsh Lyallpuri

ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
मुस्कुराने से गम पास आता नहीं
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
मुस्कुराने से गम पास आता नहीं
क्या हकीकत है गुलशन में उस फूल की
क्या हकीकत है गुलशन में उस फूल की
जो बहारों का दामन सजाता नहीं
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो

वो फ़साना बनो जो कहे हर दफा
गीत ऐसा बनो जिसको गाए जहाँ
वो फ़साना बनो जो कहे हर दफा
गीत ऐसा बनो जिसको गाए जहाँ
दर्द के साज़ बन जिसको गाना पड़े
दर्द के साज़ बन जिसको गाना पड़े
ऐसा नगमा कोई गुन गुना ता नहीं
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो

आने वालो गमो का हो गम किसलिए
हम करे अपनी आँखों को नम किस लिए
आने वालो गमो का हो गम किसलिए
हम करे अपनी आँखों को नम किस लिए
जो सितारा अंधेरो से डरता रहे
जो सितारा अंधेरो से डरता रहे
रोशनी बनके वो जगमगाता नहीं
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो
मुस्कुराने से गम पास आता नहीं
ज़िन्दगी में सदा मुस्कुराते रहो

Trivia about the song Zindagi Men Sada Muskurate Raho by Asha Bhosle

Who composed the song “Zindagi Men Sada Muskurate Raho” by Asha Bhosle?
The song “Zindagi Men Sada Muskurate Raho” by Asha Bhosle was composed by Ganesh, Naqsh Lyallpuri.

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