Hangami Halat
घर से मैं निकला हुआ, जाना बेगानी जमीं
सबको नशिस्ते मिली सफर यूं चलता रहा
अपना है कौन यह, सबको है अपनी पड़ी
मैं ही बेचारा रहा, कोई ना मंजिल मेरी
हंगामी हालात, हंगामी हालात
हंगामी हालात, हंगामी हालात
कैसा जमाना है ये, दौलत ही सब कुछ बनी है
झगड़ा किसी बात का, तक़द है बस ये मेरी है
भूले हैं सब हश्र को, ति सोच की घड़ी
दुनिया है उसे मिली, उसे नजर जिस की फिरी
हंगामी हालात, हंगामी हालात
हंगामी हालात, हंगामी हालात
कब तक समतुंगा, कब तलाक बहलाउंगा
दिल की में ज्योत को कैसे जलाऊंगा
किस का है साथ यह, कौन जाखम भरे
ये जोश है यू रवा, तुम जो गर संग चले
हंगामी हालात, हंगामी हालात
हंगामी हालात, हंगामी हालात