Raat
हा हा हा लम्बी रात फ़िराक दी
जिवें ठंडी होवे सिल्ल
चढ़ेया चंद आसमान ते
कम्बन लगा मेरा दिल
हो रात भारी ना होना
रात ख्वाब ना खोना
हो रात
रात मेरे साथ गुजारना
घुमु तो घूमना
किरणों को चूमना
रात मेरे साथ ठेहरना
नींदों में जागना
सन्नाटें तोडना
हो रात भारी ना होना
हो रात ख्वाब ना खोना
रात मेरे ऐब छुपाना
बादल को ओढ़ना
तन्हा न छोड़ना
हो रात मुझे तारे दिखाना
बारिश में भीगना
यादों से खेलना
हो रात भारी ना होना
हो रात ख्वाब ना खोना
रात
रात
रात भारी ना होना
रात तन्हा ना छोड़ना
हो रात
रात
तन्हा ना छोड़ना
नींदों में जागना
हो रात