Neel Samandar

Swanand Kirkire

नील समंदर
उठता है दिल दे अन्दर वे
भूल जवां खुद नु
जदों वेखा तेरा मंज़र वे
तक्क दा रवां मैं
वो कलियाँ जिथे रहन्दी तू
पर तू तां बैठी
है मेरे दिल दे अन्दर वे
कुड़ी देखी ऐसी
जो हिरनी के जैसी
वो तुर्रदी सी फिरदी
हवाओं जी रे
झलक उसकी ऐसी
हो परियों के जैसी
हुए गुम मैं नापदा फिरूँ
गुलाबी नज़र गजब कर गयी
शराबी नज़र असर कर गयी
गुलाबी नज़र गजब कर गयी
शराबी नज़र असर कर गयी

ओ ओ ओ ओओ ओओ ओओ ओओ ओओ ओओ ओ
गुलाबी नज़र गजब कर गयी
शराबी नज़र असर कर गयी

तेरी गल्लां सुनके
मैं तितली बनके उड़ दी आं
जितना मैं रोकां
बस तेरी और ही खिंचदी आं
जान दी आं मैं शरारतां तेरे दिलदी आं
पीना चाहे तू मेरे होंठो की नमकीनियाँ
है दिल दी गुज़ारिश मैं करदा सिफारिश
की हुण दा तू बनजा मेरी रानी ऐ
शहर हो या सब में के
अब हो या तब में
रहे मेरे ही नाल तू
गुलाबी नज़र गजब कर गयी
शराबी नज़र असर कर गयी
गुलाबी नज़र गजब कर गयी
शराबी नज़र असर कर गयी
एह ओह ओ

जिथे मैं जवां बस तुही तू मैनू दिखदी ऐ
ऐसा लग्दा ऐ मरी नाल नाल तू फिरदी ऐ
मन करदा मेरा बाहों में तुझको भर लूं आज
जो करना चाहूँ बस तेरे नाल ही कर लूं आज
गुलाबी नज़र गजब कर गयी हो ओह ओ
शराबी नज़र असर कर गयी ये

Trivia about the song Neel Samandar by Benny Dayal

Who composed the song “Neel Samandar” by Benny Dayal?
The song “Neel Samandar” by Benny Dayal was composed by Swanand Kirkire.

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