Samay O Dhire Chalo [Female]
GULZAR, BHUPEN HAZARIKA
समय ओ धीरे चलो
बुझ गई राह से छाँव
दूर है दूर है पी का गाँव
धीरे चलो धीरे चलो
जी को बहला लिया
तूने आस निराश का खेल किया
तूने आस निराश का खेल किया
चार दिनों में कोई जिया ना जिया
चार दिनों में कोई जिया ना जिया
ज़हर ये साँस का पिया ना पिया
ज़हर ये साँस का पिया ना पिया
ये हवा सब ले गई
कारवां के निशां भी उड़ा ले गई
कारवां के निशां भी उड़ा ले गई
उड़ती हवाओं वाले मिलेंगे कहाँ
उड़ती हवाओं वाले मिलेंगे कहाँ
कोई बता दो मेरे पिया का निशाँ
कोई बता दो मेरे पिया का निशाँ
समय ओ धीरे चलो
बुझ गई राह से छाँव
दूर है, दूर है पी का गाँव
धीरे चलो धीरे चलो