Kahan Ho Tum [Lofi Flip]
कहाँ हो तुम? मुझे बताओ
ज़रा क़रीब से पुकारो
कहाँ-कहाँ मैं ढूँढूँ तुमको
मैं आवारा दर-ब-दर, नज़र ना आए तुम मगर
छुप गए हो तुम कहाँ? हो तुम किधर
अब तो दिल है तपता सहरा, दरिया आँखों की नमी
यादों का लगा है पहरा हर कहीं
जानाँ, तुम से था जो रोशन मेरा प्यार पे यक़ीं
गुम है कहाँ? कल तक तो था यहीं, ओ, हमनशीं
तुम ही ने तो कहा था मुझसे
सुबह नई तो आएगी
इसी उमीद के सहारे कर रहा हुँ रहगुज़र
कहो कहाँ हो, हमसफ़र
छुप गए हो तुम कहाँ? हो तुम किधर
अब तो दिल है तपता सहरा, दरिया आँखों की नमी
यादों का लगा है पहरा हर कहीं
जानाँ, तुम से था जो रोशन मेरा प्यार पे यक़ीं
गुम है कहाँ? कल तक तो था यहीं, ओ, हमनशीं