Hamara Kal
जो मैने जी लिए
हैं तेरे संग वो सारे पल
यादों से ना मेरी
पाएँगे कभी वो निकल
जाओ तुम जहाँ मुझे छ्चोड़ कर
मेरे इश्क़ से मुँह मोदकर
याद आएगा सनम वो बीता हुआ
हमारा कल, हमारा कल ओ
कहती थी तू हर पल मुझे
मैं हूँ तेरा सपना
क्या है वजह छ्चोड़ा जो यून
तूने मुझे तन्हा
तू दर्द है, तू राहटें
तू ही है दिल का सुकून
तेरे बिना जीना पड़े
है बेबसी क्या कहूँ
क्यूँ खो गयी है रोशिनी
हैदाग सी यह चाँदनी
हैं अंधेरे हम
जायें कैसे संभाल
हमारा कल, हमारा कल
हमारा कल ओ
तेरी हँसी बनके रहूं
चाहत यही थी सदा
मैं हूँ वजह घाम की तेरे
कैसी है यह बाद-दुआ
तुझसे ही फिर सपने बँधे
तुझसे ही था दिल का सफ़र
कैसे जुड़ा हम हो गये
हैं राहों में यह सोचकर
हमारा कल, हमारा कल
हमारा कल, हमारा कल