Jab Tum Samne The

Rakesh Kumar

होठों पे आने को बेकरार है
दिल बातें भी करता हज़ार है
होठों पे आने को बेकरार है
दिल बातें भी करता हज़ार है
जाने क्यों खामोशी थी
लफ्जों में बेहोशी थी
जाने क्यों खामोशी
लफ्जों में बेहोशी
दिल के कागज़ खोल ना पाए

जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए
जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए
जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए
जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए

यारों से कितनी दफ़ा
हर रोज़ मैने कहा
जबसे मिला तुझको खुदका रहा ना मैं
बस तेरा होने लगा
यारों से कितनी दफ़ा
हर रोज़ मैने कहा
जबसे मिला तुझको खुदका रहा ना मैं
बस तेरा होने लगा
मुझपे असर ऐसा तूने किया
अब तक छुपायी थी जो
दिल में दबायी थी जो
अब तक छुपायी थी
दिल में दबायी थी
अब वो बातें दिल ये दोहराए

जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए
जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए
जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए
जब तुम सामने थे हम कुछ बोल ना पाए

Trivia about the song Jab Tum Samne The by Dev Negi

Who composed the song “Jab Tum Samne The” by Dev Negi?
The song “Jab Tum Samne The” by Dev Negi was composed by Rakesh Kumar.

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