Param Sundri

Sumit Goswami

हो इक दिन हौले से तुझसे है ये पूछना
रातें तेरी भी थोड़ी
फ़िरोज़ी फ़िरोज़ी सी है भी क्या
हो इक दिन रात भर जो तू देखे जाग कर
कहना सपने सवेरे गुलाबी गुलाबी से है भी क्या
हो इक दिन अकेले में दिल से सोचना
इक दिन अकेले में खुद से बोलना
क्या है ये माजरा
कुछ तो है मिल रहा
या फिर मैं ही बस मॅन ही मॅन
किस्से बनाने लगा
ऐसे क्यूँ हा क्यूँ हा क्यूँ
तू कुछ बोले ना
ऐसे क्यूँ हा क्यूँ

Trivia about the song Param Sundri by Diler Kharkiya

Who composed the song “Param Sundri” by Diler Kharkiya?
The song “Param Sundri” by Diler Kharkiya was composed by Sumit Goswami.

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