Gehra Halka

JEET GANNGULI, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA

गहरा हल्का जुनून सा है इन दिनों
रग रग में तू लहू सा है इन दिनों
आँसू मुसाफ़िर हुए हैं तेरे लिए
आँखों में हाज़िर हुए हैं तेरे लिए
मेरा रोना, मेरा हँसना
मेरा जीना, मेरा मरना
मेरा होना, तेरे लिए
मेरा रुकना, मेरा चलना
मेरा बुझना, मेरा जलना
मेरा होना तेरे लिए
गहरा हल्का जुनून सा है इन दिनों
रग रग में तू लहू सा है इन दिनों

कभी आके सिर्हाने मेरे
थोड़े से सपना जला दे
कई जन्मों से जागता हूँ
दो चार पल तू सुला दे
मेरा रोना, मेरा हँसना
मेरा जीना, मेरा मरना
मेरा होना, तेरे लिए
मेरा रुकना, मेरा चलना
मेरा बुझना, मेरा जलना
मेरा होना तेरे लिए

मेरे सजदे ये कह रहे हैं
मिलता है सबकुछ दुआ से
तू माँगे से ना मिला तो
मैं छिन लूँगा खुदा सा
गहरा हल्का जुनून सा है इन दिनों
रग रग में तू लहू सा है इन दिनों
आँसू मुसाफ़िर हुए हैं तेरे लिए
आँखों में हाज़िर हुए हैं तेरे लिए
मेरा रोना, मेरा हँसना
मेरा जीना, मेरा मरना
मेरा होना, तेरे लिए
मेरा रुकना, मेरा चलना
मेरा बुझना, मेरा जलना
मेरा होना तेरे लिए

Trivia about the song Gehra Halka by Divya Kumar

Who composed the song “Gehra Halka” by Divya Kumar?
The song “Gehra Halka” by Divya Kumar was composed by JEET GANNGULI, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA.

Most popular songs of Divya Kumar

Other artists of Film score