Bole Jo Koyal Bagon Mein
चूड़ी जो खांकिए हाथों
हाए चूड़ी जो खनके हाथों
याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
हो याद मुझे सताने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
हम भी तुमपे मरने लगे
तेरे रंग में रंगने लगे
जबसे देखा तुमको सनम
रातों में भी जागने लगे
रिम-झिम सी बरसातों में
हाए रिम-झिम सी बरसातों में
याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
हो याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी भीगी रातों मे
क्या यह हुवा है इश्स सावन
बेचैनी क्यूँ बढ़ने लगी
पहले तो ना हुवा कभी
दिल की धड़कन बढ़ने लगी
बोले जो कोयल बागो में
हाए बोले जो कोयल बागों में
याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
हो याद मुझे सताने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
चूड़ी जो खांकिए हाथों
हाए चूड़ी जो खनके हाथों
याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
हो याद मुझे सताने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
हम भी तुमपे मरने लगे
तेरे रंग में रंगने लगे
जबसे देखा तुमको सनम
रातों में भी जागने लगे
रिम-झिम सी बरसातों में
हाए रिम-झिम सी बरसतों में
याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
हो याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी भीगी रातों में
क्या यह हुवा है इस सावन
बेचैनी क्यूँ बढ़ने लगी
पहले तो ना हुवा कभी
दिल की धड़कन बढ़ने लगी
बोले जो कोयल बागों में
हाए बोले जो कोयल बागों में
याद मुझे भी आने लगी
हाए भीगी-भीगी रातों में