Aa Gayi Re Raat Rangbhari Aa Gayi

Majrooh Sultanpuri, Madhukar Rajasthani, Hasrat Jaipuri, Shailendra

आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी
आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी
बचपन का हाथ छूटा अपनो का साथ छूटा
बचपन का हाथ छूटा अपनो का साथ छूटा
लेकिन तुम मिल गये
समझो के मैं सब पा गयी
आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी
आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी

सच बताओ क्यू चले आए थे मुझको छ्चोड़ कर
तुमको आख़िर क्या मिला ये शीशा आए दिल तोड़ कर
घिर के बदल जो बरसे मेरे अरमान तरसे
तुम ना आए तुम्हारे दर पे मई खुद आ गयी
आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी
आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी

लाख शिकवे पर नही है ये शिकायत की घड़ी
ये घड़ी अपने मिलन की ये मोहब्बत की घड़ी
पूनम का चाँद चमका हट गया साया वो गुम का
पूनम का चाँद चमका हट गया साया वो गुम का
गुलशन मे चाँदनी चुपके से रंग बरसा गयी
आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी
आ गयी आ गयी रे रत रंग भारी आ गयी

Trivia about the song Aa Gayi Re Raat Rangbhari Aa Gayi by Geeta Dutt

Who composed the song “Aa Gayi Re Raat Rangbhari Aa Gayi” by Geeta Dutt?
The song “Aa Gayi Re Raat Rangbhari Aa Gayi” by Geeta Dutt was composed by Majrooh Sultanpuri, Madhukar Rajasthani, Hasrat Jaipuri, Shailendra.

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