Aji Ab Kaha Maan Jao

Majrooh Sultanpuri

अजी अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी
अजी अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी
छोडो मेरा रास्ता कोई नहीं जिस का
उस की गुज़ार भी होती गोरिये
अजी अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी

मैं हूँ गरीब अन्जाना रे
राही अकेला प्यार का
दे दे कोई नजराना रे
लग रहा मेला प्यार का
दे दे कोई नजराना रे
लग रहा मेला प्यार का
लाया था दीवाना दिल नज़राना
तुम चाहो हीरा मोती गोरिये
चलो अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी
चलो अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी

मिल गयी थी एक बावारिया
गुज़री हुयी बरसात में
सोच रहा क्या सांवरिया
दाब के ऊँगली दांत में
सोच रहा क्या सांवरिया
दाब के ऊँगली दांत में
काहे लगी प्यारी मुझ को तुम्हारी
अँखियाँ मोटी मोटी गोरिये
चलो अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी
छोडो मेरा रास्ता कोई नहीं जिस का
उस की गुज़ार भी होती गोरिये
चलो अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी
चलो अब कहना मान जाओ
तुम ही बड़े मैं छोटी

Trivia about the song Aji Ab Kaha Maan Jao by Geeta Dutt

Who composed the song “Aji Ab Kaha Maan Jao” by Geeta Dutt?
The song “Aji Ab Kaha Maan Jao” by Geeta Dutt was composed by Majrooh Sultanpuri.

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