Chand Ghatne Laga

KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan

चाँद घटने लगा रात ढालने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी
चाँद घटने लगा रात ढालने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी

मेरी निंदिया से बोझल
ये अंखिया कहे पास बैठो ज़रा
कुच्छ कहे कुच्छ सुने
ठंडी ठंडी हवा अब तो चलाने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी
चाँद घटने लगा रात ढालने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी

रात जाती है झोली में तारे लिए
रह ताकते है पर हम तुम्हारे लिए
सोई सोई काली आँख मलने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी
चाँद घटने लगा रात ढालने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी

डीप तरो के बुझने से पहले सनम
आज कहना है जो कुच्छ भी कहले सनम
आग सुलगी हुई देख जलने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी
चाँद घटने लगा रात ढालने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी
चाँद घटने लगा रात ढालने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी
चाँद घटने लगा रात ढालने लगी
आरज़ू मेरे दिल की मचलने लगी

Trivia about the song Chand Ghatne Laga by Geeta Dutt

Who composed the song “Chand Ghatne Laga” by Geeta Dutt?
The song “Chand Ghatne Laga” by Geeta Dutt was composed by KUMAR HEMANT, Rajinder Krishnan.

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