Chhoti Si Ek Bagiya Men

Rajendra Krishan

छोटी सी एक बगिया में खिली नन्ही मुन्नी सी एक कली
छोटी सी एक बगिया में खिली नन्ही मुन्नी सी एक कली
हँसते हँसते कुछ दिन गुजरे
फिर कली ने एक सपना देखा
एक चाँद का टुकड़ा आँगन में
आकाश से तूट के आन गिरा
उस चाँद के टुकड़े से दुनिया उन दोनों की आबाद हुई
लेकिन ये ख़ुशी दो दिन की थी
दो दिन गुजरे बर्बाद हुयी

भौरे ने कली को ठुकराया
और आँख चुरा कर चला गया
तारीफ यही है दुनिया की
कोई न किसी का मित हुआ
भौरे से शिकायत कौन करे
जब किस्मत ने मुंह मोड़ लिया
एक फूल खिलाया खुशियों का
और अपने हाथो तोड़ लिया
क्यों मुझको दिए आंसू ग़म के
दुनिया को हँसाने वाले ने
क्यों तोड़ लिया है फूल तेरा उस फूल को लाने वाले ने

Trivia about the song Chhoti Si Ek Bagiya Men by Geeta Dutt

Who composed the song “Chhoti Si Ek Bagiya Men” by Geeta Dutt?
The song “Chhoti Si Ek Bagiya Men” by Geeta Dutt was composed by Rajendra Krishan.

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