Karwat Woh Zamane Ne Badli
Anjum Pilibhiti
करवट वो ज़माने ने बदली
न इधर के रहे न उधर के रहे
ग़म मरने का नहीं न जीने की ख़ुशी
न इधर के रहे न उधर के रहे
करवट वो ज़माने ने बदली
जिस बाग को सींचा था हमने
पल भर में फ़िज़ा ने लूट लिया
हाय लूट लिया
जिस बात को सींचा था हमने