Koi Chupke Se Aake

Gulzar, Kanu Roy

कोई चुपके से आके
सपने सुलाके मुझको जगाके बोले
कि मैं आ रहा हूँ
कौन आये ये मैं कैसे जानूँ
कोई चुपके से आके
सपने सुलाके मुझको जगाके बोले
कि मैं आ रहा हूँ
कौन आये ये मैं कैसे जानूँ
कोई चुपके से आके

दूर कहीं बोले पपीहा
पिया आ मौसम सुहाना
तरसे है कोई यहाँ
आ भी जा करके बहाना
कौन सा बहाना कैसा बहाना
कितना मुश्किल है ये बताना
देखो फिर भी कोई भा रहा है
कौन भाये ये मैं कैसे जानूँ
कोई चुपके से आके
सपने सुलाके मुझको जगाके बोले
कि मैं आ रहा हूँ
कौन आये ये मैं कैसे जानूँ
कोई चुपके से आके

प्यासा है दिल का गगन
प्यार की अग्नि जलाये
पलकों में क़ैद है सावन
होंठों तक बात ना आये
बात आते आते रात हो गयी
चाहों की बारात छोड़ गयी साथ
बात आते आते हो गयी रात
इतनी रात गये कैसे गाऊँ
देखो फिर भी कोई गा रहा है
कौन गाये ये मैं कैसे जानूँ (हा हा हा)
कोई चुपके से आके
सपने सुलाके मुझको जगाके बोले
कि मैं आ रहा हूँ
कौन आये ये मैं कैसे जानूँ (हा हा हा)

Trivia about the song Koi Chupke Se Aake by Geeta Dutt

When was the song “Koi Chupke Se Aake” released by Geeta Dutt?
The song Koi Chupke Se Aake was released in 1947, on the album “Evergreen Hits Of Geeta Dutta”.
Who composed the song “Koi Chupke Se Aake” by Geeta Dutt?
The song “Koi Chupke Se Aake” by Geeta Dutt was composed by Gulzar, Kanu Roy.

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