Machal Ke Dil Kahe Mera

Sarshar Sailani

मचल के दिल कहे मेरा
के आने वाले आ भी जा
मगर नही अभी ना आ
के इसमे भी है एक मज़ा
मचल के दिल कहे मेरा
के आने वाले आ भी जा
मगर नही अभी ना आ
के इसमे भी है एक मज़ा

हवा मे एक सुरूर है सदा नशे मे चूर है
मगर मैं बेकरार हू के तू नज़र से दूर है
हवा मे एक सुरूर है सदा नशे मे चूर है
मगर मैं बेकरार हू के तू नज़र से दूर है
नज़र से दूर है तो क्या के इसमे भी है एक मज़ा
अभी ना आ अभी ना आ के इसमे भी है एक मज़ा

जमाना अपने प्यार का फसाना है बाहर का
भला हो तेरी याद का बुरा हो इंतज़ार का
जमाना अपने प्यार का फसाना है बाहर का
भला हो तेरी याद का बुरा हो इंतज़ार का
मगर मैं क्यू कहु बुरा के इसमे भी है एक मज़ा
अभी ना आ अभी ना आ के इसमे भी है एक मज़ा

ये तीर दिल पे खा तो लूँ जिगर को आजमा तो लूँ
मैं दर्दे इंतज़ार को कलेजे से लगा तो लू
ये तीर दिल पे खा तो लूँ जिगर को आजमा तो लूँ
मैं दर्दे इंतज़ार को कलेजे से लगा तो लू
दिखा तो दो ना ये अदा के इसमे भी है एक मज़ा
अभी ना आ अभी ना आ के इसमे भी है एक मज़ा

Trivia about the song Machal Ke Dil Kahe Mera by Geeta Dutt

Who composed the song “Machal Ke Dil Kahe Mera” by Geeta Dutt?
The song “Machal Ke Dil Kahe Mera” by Geeta Dutt was composed by Sarshar Sailani.

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