Rakhi Ka Mausam Aaya Re

Shewan Rizvi

रखी का मौसम आया रे
बन्जारे रखी बाँध ले
ओ रखी का मौसम आया रे
बन्जारे रखी बाँध ले
दूर देश से आया री
बंजारा रखी बाँध ले
दूर देश से आया री
बंजारा रखी बाँध ले
रखी का मौसम आया रे
बन्जारे रखी बाँध ले

एक बरस से आस लगाए
एक बरस से आस लगाए
बैठी थी मैं नैन बिछाए
बैठी थी मैं नैन बिछाए
आज तुम्हे जो माँगना है माँग ले
आज तुम्हे जो माँगना है माँग ले
माँग मेरी अलबेली
रखी का मौसम आया रे
बन्जारे रखी बाँध ले

प्रीत का जाग में
प्रीत का जाग में
कुछ नही मोल
बोल दे हसके दो बोल
बोल दे हसके दो बोल
और बहना कहके
बहे गले में दल दे
बंजारा रखी बाँध ले
रखी का मौसम आया रे
बन्जारे रखी बाँध ले

मेरा आज एक तू कहना माने
अब ना जइयो देश बेगाने
अब ना जइयो देश बेगाने
अगर मान सके तो इतना कहना
मान ले मान ले रे बन्जारे
रखी बाँध ले
बंजारा रखी बाँध ले
रखी का मौसम आया रे
अलबेली रखी बाँध दे
रखी का मौसम आया रे
बन्जारे रखी बाँध ले

Trivia about the song Rakhi Ka Mausam Aaya Re by Geeta Dutt

Who composed the song “Rakhi Ka Mausam Aaya Re” by Geeta Dutt?
The song “Rakhi Ka Mausam Aaya Re” by Geeta Dutt was composed by Shewan Rizvi.

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