Rooth Gaye Hamse Piya

Hansraj Behl, Mulk Raj Bhakri

रूठ गए हमसे पिया
रूठ गए हमसे
रूठ गए हमसे पिया
रूठ गए हमसे
फूट गयी तकदीर
रूठ गए रूठ गए
हमसे पिया रूठ गए हमसे

प्रेम की एक चिंगारी सुलगी
भड़क के बन गयी शोला रे
इसी आग में मैं भी जली
मेरा जल गया मानवा भोला रे
हाय ये क्या हुआ
रूठ गए रूठ गए हमसे पिया
रूठ गए हमसे
फूट गयी तकदीर
रूठ गए रूठ गए
हमसे पिया रूठ गए हमसे

तुम जो रूठे दुनिआ रूठी
जीवन हुआ अँधेरा
रातों को मैं रो रो कर
आँखों में करू सवेरा रे
एक ऐसा दर्द दिया
रूठ गए रूठ गए
हमसे पिया रूठ गए हमसे
फूट गयी तकदीर
रूठ गए रूठ गए
हमसे पिया रूठ गए हमसे

तेरी सुरतिया देखन को
दो नैना तरसे रे
दो नैना तरसे रे
दिल की लगी ये कह न सकी
और तरस के बरसे रे
तरस के बरसे रे
हो मेरा चैन लिया
रूठ गए रूठ गए
हमसे पिया रूठ गए हमसे
फूट गयी तकदीर
रूठ गए रूठ गए
हमसे पिया रूठ गए हमसे

Trivia about the song Rooth Gaye Hamse Piya by Geeta Dutt

Who composed the song “Rooth Gaye Hamse Piya” by Geeta Dutt?
The song “Rooth Gaye Hamse Piya” by Geeta Dutt was composed by Hansraj Behl, Mulk Raj Bhakri.

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