Sajan Ki Ho Gayi Gori

S D Burman, Sahir Ludhianvi

साजन की हो गई गोरी
साजन की हो गई
हाय हाय रे
अब घर का आँगन विदेस लागे रे साजन
हाय हाय साजन की हो गई गोरी साजन की हो गई
सूनी सी लागें मायके की गलियाँ
सूनी सी लागें
भायें न न न भायें न अब जी को बचपन की सखियाँ
भायें न
नैनों में झूमे बैरी की नड़ियाँ मन को लुभायें सजिया कि कलियाँ
हर स्वास पी का हर स्वास पी का संदेस लागे रे
अब घर का आँगन विदेस लागे रे साजन
हाय हाय साजन की हो गई गोरी साजन की हो गई

कुछ जागी जागी कुछ सोई सोई
कुछ जागी जागी
बैठी है राधे
ओ देखो ओ देखो बैठी है राधे सपनों में खोई, देखो
बैठी है राधे
छेड़ा तो समझो रोई के रोई
ऐसे में इसको टोके न कोई
नाजुकता पन नाजुकता पन पे न ठेस लागे रे
अब घर का आँगन विदेस लागे रे साजन
हाय हाय साजन की हो गई गोरी साजन की हो गई

बढ़ती है पल पल अग्नी लगन की
बढ़ती है पल पल
चटके है नस नस कोमल बदन की
चटके है नस नस
हम जानते हैं सब इसके मन की
अब हो चुकी ये अपने सजन की
नैहर का जीवन
नैहर का जीवन कलेस लागे रे
अब घर का आँगन विदेस लागे रे साजन
हाय हाय साजन की हो गई गोरी साजन की हो गई

Trivia about the song Sajan Ki Ho Gayi Gori by Geeta Dutt

When was the song “Sajan Ki Ho Gayi Gori” released by Geeta Dutt?
The song Sajan Ki Ho Gayi Gori was released in 2004, on the album “Devdas”.
Who composed the song “Sajan Ki Ho Gayi Gori” by Geeta Dutt?
The song “Sajan Ki Ho Gayi Gori” by Geeta Dutt was composed by S D Burman, Sahir Ludhianvi.

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