Samajh Gaye Ham

Sahir Ludhianvi

(?)

समझ गए हम तो वो कितना छुपाये
है दिल छीन लेने के सब ये अदाएं
समझ गए हम तो वो कितना छुपाये
है दिल छीन लेने के सब ये अदाएं
समझ गए हम तो

ये छोटी छोटी बातों पे लड़ना झगड़ना
ये खुद से ही मनाना ये खुद ही बिगड़ना
ये छोटी छोटी बातों पे लड़ना झगड़ना
ये खुद से ही मनाना ये खुद ही बिगड़ना
चाहत के रंग है ये मिलने के ढंग है
देखते है हुजुर काहे गबराये
समझ गए हम तो वो कितना छुपाये
है दिल छीन लेने के सब ये अदाएं
समझ गए हम तो

ये सोया सोया जादू ये जागा जागा कितना
बढ़ेगा उतना ही दबाये कोई जीतना
ये सोया सोया जादू ये जागा जागा कितना
बढ़ेगा उतना ही दबाये कोई जीतना
हम है जान गए नज़रे पहचान गए
अब आप न हम से न शर्माए
समझ गए हम तो वो कितना छुपाये
है दिल छीन लेने के सब ये अदाएं
समझ गए हम तो

हा हा हा हा मिलाओ जरा आँखे छोडो ये शर्माना
किसी पे दिल आये तो कैसे घबराना
मिलाओ जरा आँखे छोडो ये शर्माना
किसी पे दिल आये तो कैसे घबराना
दिल का ये खेल कभी खेला है के ये है कभी
इसका भी राज तुमको बतलाये
समझ गए हम तो वो तो कितना छुपाये
है दिल छीन लेने के सब ये अदाएं
समझ गए हम तो वो कितना छुपाये
है दिल छीन लेने के सब ये अदाएं
समझ गए हम तो

Trivia about the song Samajh Gaye Ham by Geeta Dutt

Who composed the song “Samajh Gaye Ham” by Geeta Dutt?
The song “Samajh Gaye Ham” by Geeta Dutt was composed by Sahir Ludhianvi.

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