Beete Rishte Talash Karti Hai
GULZAR
बीते रिश्ते तलाश करती है
खुशबु कूंचे तलाश करती है
एक उम्मीद बार बार आकर
अपने टुकड़े तलाश करती है
एक उम्मीद बार बार आकर
अपने टुकड़े तलाश करती है
बीते रिश्ते तलाश करती है
खुशबु कूंचे तलाश करती है
एक उम्मीद बार बार आकर
अपने टुकड़े तलाश करती है
एक उम्मीद बार बार आकर
अपने टुकड़े तलाश करती है