Ek Ishara
एक इशारा ही, हा इशारा ही
एक इशारा ही अगर तूने किया होता तो
एक इशारा ही अगर तूने किया होता तो
हम ठहर जाते तेरे दिल मे उमर भर के लिए
तूने गर चाह लिया होता साथी इस दिल का
ये चुन लेता तुझे दिल के हमसफ़र के लिए
एक इशारा ही, हा इशारा ही
रह रह के अश्क आँख मे आते तो है मगर
महफ़िल भरी खुशी से रोना सकेंगे हम
हा रोना सकेंगे हम , रोना सकेंगे हम
आज रंगीन फ़ाज़ाएं हैं दिल के चारो तरफ
दिल के भीतर मगर ये जाने क्या अंधेरा हैं
सारा आलम सज़ा के रखा हैं खुशियों से
गम की पर शाम ढली सपनो का सवेरा है
काश हाथो मे, आज हाथ तेरा होता तो
काश हाथो मे, आज हाथ तेरा होता तो
हम भी गा लेते हँसी शाम और शहर के लिए
एक इशारा ही हा इशारा ही, एक इशारा ही, हा इशारा
हसरत थी ज़िंदगी भर बाहों मे रहे तेरी
पर खाब हकीकत हो किस्मत मे नहीं था
हा किस्मत मे नहीं था
ऐसा लगता हैं की, जो चाहा उसे पाया हैं
फिर क्या हैं की जो, एहसासे कमी देता हैं
हम भीं लिखते थे, नगमों मे हमारे खुशियाँ
मगर ये इश्क़ हैं, नगमों मे नमी देता हैं
दिल की खुशियों मे, काश तू भी मुस्कुरा लेता
दिल की खुशियों मे, काश तू भी मुस्कुरा लेता
माफ़ कर देता तुझे दिल तेरे कहर के लिए
एक इशारा ही, हा इशारा ही, एक इशारा ही
अगर तूने किया होता तो हम ठहर जाते तेरे दिल मे
उमर भर के लिए एक इशारा ही, हा इशारा ही, एक इशारा