Mere Pyaar Ki

BHAWANI SHANKAR KATHAK, RANI MALIK, TRIVENI PRASAD

मेरे प्यार की पतंग कट गयी बेगाना कोई लूट गया
मैं तो खड़ा रहा बनके दीवाना सयाना कोई लूट गया
मेरे प्यार की पतंग कट गयी बेगाना कोई लूट गया
मैं तो खड़ा रहा बनके दीवाना सयाना कोई लूट गया

मैने समझा था के डोर मेरे हाथ है
और हवाओ का भी रुख़ मेरे साथ है
मैने समझा था के डोर मेरे हाथ है
और हवाओ का भी रुख़ मेरे साथ है
पर तकदिरे जब पेंच लड़ाती है
तब तदबीर किसी काम नही आती है
जिंद जान से भी प्यारा था जो मुझको ख़ज़ाना कोई लूट गया
मेरे प्यार की पतंग कट गयी बेगाना कोई लूट गया
मैं तो खड़ा रहा बनके दीवाना सयाना कोई लूट गया

बन गया सौदाई मैं तो तेरे प्यार मे
पर तूने मुझको डुबोया मझधार मे
बन गया सौदाई मैं तो तेरे प्यार मे
पर तूने मुझको डुबोया मझधार मे
झेल सकता हू मैं प्यार की जुदाई तो
पर सहू कैसे हाए तेरी बेवफ़ाई को
मैने लिखा था जो दिल की कलम से फसाना कोई लूट गया
मेरे प्यार की पतंग कट गयी बेगाना कोई लूट गया
मैं तो खड़ा रहा बनके दीवाना सयाना कोई लूट गया
सयाना कोई लूट गया
सयाना कोई लूट गया
सयाना कोई लूट गया

Trivia about the song Mere Pyaar Ki by Hariharan

Who composed the song “Mere Pyaar Ki” by Hariharan?
The song “Mere Pyaar Ki” by Hariharan was composed by BHAWANI SHANKAR KATHAK, RANI MALIK, TRIVENI PRASAD.

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