Phool Hai Chand

0 Hariharan, Jolly Mukherjee

फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं
भीड़ में सबसे जुदा लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं
भीड़ में सबसे जुदा लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं

उसकी कुर्बत में अजब दूरी हैं
उसकी कुर्बत में अजब दुरी हैं
उसकी कुर्बत में अजब दुरी हैं
आदमी होके खुदा लगता हैं
आदमी होके खुदा लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं
भीड़ में सबसे जुदा लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं

उसके होंठों से मैं अब क्या मांगू
उसके होंठों से मैं अब क्या मांगू
उसके होंठों से मैं अब क्या मांगू
जो भी कहता हैं दुआ लगता हैं
जो भी कहता हैं दुआ लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं
भीड़ में सबसे जुदा लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं

शोर हैं दिल में कुछ इतना राशिद
शोर हैं दिल में कुछ इतना राशिद
शोर हैं दिल में कुछ इतना राशिद
मुझको सन्नाटा सदा लगता हैं
मुझको सन्नाटा सदा लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं
भीड़ में सबसे जुदा लगता हैं
फूल हैं, चाँद हैं क्या लगता हैं

Trivia about the song Phool Hai Chand by Hariharan

Who composed the song “Phool Hai Chand” by Hariharan?
The song “Phool Hai Chand” by Hariharan was composed by 0 Hariharan, Jolly Mukherjee.

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