Raat Maheke To Yun Bhi

Anand-Milind, Akhtar Javed

रात महके तो यूँ भी होता है
चाँद धरती पे आके सोता है
रात महके तो यूँ भी होता है
चाँद धरती पे आके सोता है
रात महके तो यूँ भी होता है

उजाला मा था मधुर मधुर चितवन
रंग का सौदा रूप का चंदन
रस का सागर है जैसे तेरा बदन
मान में एक कामना साजोता है
रात महके तो यूँ भी होता है

सात तरंगो ने ली है अंगड़ाई
साँस में घुल रही है सहनाई
रात की हर घड़ी है ई आई
जैसे मोटी कोई पिरोता है
रात महके तो यूँ भी होता है

चहे झलका सरकते आचल में
चाँद चलता है जैसे बदल में
मान है क्या जाने कैसी हलचल में
अब मेरा चैन मुझसे खोता है
रात महके तो यूँ भी होता है
चाँद धरती पे आके सोता है.

Trivia about the song Raat Maheke To Yun Bhi by Hariharan

Who composed the song “Raat Maheke To Yun Bhi” by Hariharan?
The song “Raat Maheke To Yun Bhi” by Hariharan was composed by Anand-Milind, Akhtar Javed.

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