Safar Aur Mausam Badalte Hue

Dr. Mukhtarudin

सफ़र और मौसम बदलते हुए
सफ़र और मौसम बदलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए
सफ़र और मौसम बदलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए

किया उसने रुख़सत मुझे इस तरह
किया उसने रुख़सत मुझे इस तरह
किया उसने रुख़सत मुझे इस तरह
कलि आरज़ू की मसलते हुए
कलि आरज़ू की मसलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए
सफ़र और मौसम बदलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए

लबों ऐ तबस्सुम परेशान सा
लबों ऐ तबस्सुम परेशान सा
लबों ऐ तबस्सुम परेशान सा
और आँखों में आंसू मचलते हुए
और आँखों में आंसू मचलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए
सफ़र और मौसम बदलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए

अँधेरे में आँखे मेरी बन गयी
अँधेरे में आँखे मेरी बन गयी
अँधेरे में आँखे मेरी बन गयी
दिये दो कही दूर जलते हुए
दिये दो कही दूर जलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए
सफ़र और मौसम बदलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए

है मुख्तार को फिर वही लौटना
है मुख्तार को फिर वही लौटना
है मुख्तार को फिर वही लौटना
हवा पर के पानी पे चलते हुए
हवा पर के पानी पे चलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए
सफ़र और मौसम बदलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए
बड़े वस वसे थे निकलते हुए

Trivia about the song Safar Aur Mausam Badalte Hue by Hariharan

Who composed the song “Safar Aur Mausam Badalte Hue” by Hariharan?
The song “Safar Aur Mausam Badalte Hue” by Hariharan was composed by Dr. Mukhtarudin.

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