Sakiya Jaye Kahan

HARIHARAN, HAKIM NASIR

शहर अगर वीरान नजर आते हे
तो मैखाने में चले आइए
यहां वीरान दिल भी आबाद हो जाते हे
शयद ये हकीम हे साहब

सक़िया जाएँ कहाँ
सक़िया जाएँ कहाँ हम तेरे मैखने से
सक़िया जाएँ कहाँ हम तेरे मैखने से
सहेर के सहेर नज़र आते हैं वीर्नो से
सक़िया जाएँ कहाँ हम तेरे मैखने से
सहेर के सहेर नज़र आते हैं वीरान से

यह कुच्छ लोग नज़र आते हैं दीवाने से
यह कुच्छ लोग नज़र आते हैं दीवाने से
यह कुच्छ लोग नज़र आते हैं दीवाने से
उनको मतलब है ना सबी से ना पैमाने से
सक़िया जाएँ कहाँ
सक़िया जाएँ कहाँ हम तेरे मैखने से
सहेर के सहेर नज़र आते हैं वीरान से

जोड़ कर हाथ यह सकी हैं गुज़ारिश मेरी
जोड़ कर हाथ यह सकी हैं गुज़ारिश मेरी
जोड़ कर हाथ यह सकी हैं गुज़ारिश मेरी
मुझको आँखो से पीला गैर को पैमाने से
मुझको आँखो से पीला गैर को पैमाने से
सहेर के सहेर नज़र आते हैं वीरान से

मुझको आते हुए नसीतो सभी ने देखा
मुझको आते हुए नसीतो सभी ने देखा
देखा ना जाते ना किसीने मुझे मैखने से
सक़िया जाएँ कहाँ
सक़िया जाएँ कहाँ हम तेरे मैखने से
सहेर के सहेर नज़र आते हैं वीरान से
सक़िया जाएँ कहाँ हम तेरे मैखने से
सहेर के सहेर नज़र आते हैं वीरान से

Trivia about the song Sakiya Jaye Kahan by Hariharan

Who composed the song “Sakiya Jaye Kahan” by Hariharan?
The song “Sakiya Jaye Kahan” by Hariharan was composed by HARIHARAN, HAKIM NASIR.

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