Unse Jab Jab Bhi

HARIHARAN, MUZTAR SIDDIQUE

उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई
उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई
सारी सारी रात बरसातें हुई
उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई
सारी सारी रात बससातें हुई
उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई

मेरी दुनियां में अँधेरा हो गया
मेरी दुनियां में अँधेरा हो गया
मेरी दुनियां में अँधेरा हो गया
मेरी दुनियां में अँधेरा हो गया
गैर के घर चाँदनी रातें हुई
गैर के घर चाँद॒नी रातें हुई
सारी सारी रात बरसातें हुई
उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई

जाने कब पहलु से उठकर चल दिये
जाने कब पहलु से उठकर चल दिये
जाने कब पहलु से उठकर चल दिये
जाने कब पहलु से उठकर चल दिये
रात भर दीवार से बातें हुई
रात भर दीवार से बातें हुई
सारी सारी रात बससातें हुई
उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई

बेक़रारी मैं कटे कितनहि दिन
बेक़रारी मैं कटे कितनहि दिन
बेक़रारी मैं कटे कितनहि दिन
बेक़रारी मैं कटे कितनहि दिन
ख़्वाब देखे कितनिहि रातें हुयी
ख़्वाब देखे कितनिहि रातें हुयी
सारी सारी रात बससातें हुई
उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई
सारी सारी रात बससातें हुई
उनसे जब जब भी मुलाकातें हुई

Trivia about the song Unse Jab Jab Bhi by Hariharan

When was the song “Unse Jab Jab Bhi” released by Hariharan?
The song Unse Jab Jab Bhi was released in 1997, on the album “Jashn”.
Who composed the song “Unse Jab Jab Bhi” by Hariharan?
The song “Unse Jab Jab Bhi” by Hariharan was composed by HARIHARAN, MUZTAR SIDDIQUE.

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