Yunhi Besabab Na Phira Karo

Hariharan

यूँ ही बेसबब ना फिरा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो
कोई शाम घर भी रहा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो
कोई शाम घर भी रहा करो
वो गाज़ल की साची किताब हैं
उसे च्छुपके च्छुपके पढ़ा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो

कोई हाथ भी ना मिल्लाएगा
जो गले मिलोगे तपाक से
कोई हाथ भी ना मिल्लाएगा
जो गले मिलोगे तपाक से
ये नये मिज़ाज़ का शहेर हैं
ये नये मिज़ाज़ का शहेर हैं
ज़रा फ़ासले से मिला करो
वो गाज़ल की साची किताब हैं
उसे च्छुपके च्छुपके पढ़ा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो

अभी राह में कोई मोड़ हैं
कोई आएगा कोई जाएगा
अभी राह में कोई मोड़ हैं
कोई आएगा कोई जाएगा
तुम्हें जिसने दिल से भुला दिया
तुम्हें जिसने दिल से भुला दिया
उससे भूलने की दुआ करो
वो गाज़ल की साची किताब हैं
उसे च्छुपके च्छुपके पढ़ा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो

मुझे इशतहार सी लगती हैं
ये मोहब्बतो की कहानिया
मुझे इशतहार सी लगती हैं
ये मोहब्बतो की कहानिया
जो कहाँ नही वो सुना करो
जो कहाँ नही वो सुना करो
जो सुना नही वो कहाँ करो
वो गाज़ल की साची किताब हैं
उसे च्छुपके च्छुपके पढ़ा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो
यूँ ही बेसबब ना फिरा करो.

Trivia about the song Yunhi Besabab Na Phira Karo by Hariharan

When was the song “Yunhi Besabab Na Phira Karo” released by Hariharan?
The song Yunhi Besabab Na Phira Karo was released in 1987, on the album “Reflections”.

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