Mahv-E-Khayal-E-Yaar Hain

Ravindra Jain

अब रंज से खुशी से बहार-ओ-ख़िज़ा से क्या
अब रंज से खुशी से बहार-ओ-ख़िज़ा से क्या
मह्व-ए-ख़याल यार हैं हम को जहाँ से क्या
मह्व-ए-ख़याल यार हैं हम

उनका ख़याल उनकी तलब उनकी आरज़ू
उनका ख़याल उनकी तलब उनकी आरज़ू
जिस दिल में वो हो, माँगे किसी महरबाँ से क्या
मह्व-ए-ख़याल यार हैं हम

हम ने चिराग़ रख दिया तूफ़ाँ के सामने
हम ने चिराग़ रख दिया तूफ़ाँ के सामने
पीछे हटेगा इश्क़ किसी इम्तहाँ से क्या
मह्व-ए-ख़याल यार हैं हम

कोई चले चले न चले हम तो चल पड़े
कोई चले चले न चले हम तो चल पड़े
मंज़िल की जिसको धुन हो उसे कारवाँ से क्या
मंज़िल की जिसको धुन हो

ये बात सोचने की है वो हो के महरबाँ
ये बात सोचने की है वो हो के महरबाँ
पूछेंगे हाल-ए-दिल तो कहेंगे ज़बाँ से क्या
मह्व-ए-ख़याल यार हैं हम को जहाँ से क्या

Trivia about the song Mahv-E-Khayal-E-Yaar Hain by Hemlata

Who composed the song “Mahv-E-Khayal-E-Yaar Hain” by Hemlata?
The song “Mahv-E-Khayal-E-Yaar Hain” by Hemlata was composed by Ravindra Jain.

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