Dhaagon Se Baandhaa

Irshad Kamil

कच्चे धागों का ये रिस्ता
बन जाता है बचपन से
मरते दम तक साथ निभाये
बंध के रक्षा बंधन से

धागों से बांधा
एहसास दिल के रिश्ते का
रिस्ता ये अपना रब की रुबाई

मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना

धागों से बांधा
एहसास दिल के रिश्ते का
रिस्ता ये अपना रब की रुबाई

मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना

धागों से बांधा
एहसास दिल के रिश्ते का
रिस्ता ये अपना रब की रुबाई

मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना

चार दिशाओ जैसी तुम हो
मेरे लिए जरुरी
तुम ना हो तो हर दिन आधा
हर एक शाम अधूरी

आधा मुझे रहना नहीं
कुछ कम लगे वो घर मुझे
जिसमे कोई बहना नहीं

यादो से बांधा
जज़्बा ये अपने रिश्ते का
रिस्ता ये अपना रब की रुबाई

मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना
मैं राहु ना मैं तेरे बिना
तू रहे ना तू मेरे बिना

Trivia about the song Dhaagon Se Baandhaa by Himesh Reshammiya

Who composed the song “Dhaagon Se Baandhaa” by Himesh Reshammiya?
The song “Dhaagon Se Baandhaa” by Himesh Reshammiya was composed by Irshad Kamil.

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