Aasmaan Par

Alimchand Prakash

आसमान में ठहरा
हुवा बादल जब साँस लेता है
तब ना जाने कितने नये
रूप धारण करता है
हम वही रूप ले लेते है
जैसा की सोचते है
हम सिर्फ़ इक ख़याल
आसमान पर अक्सर हम तुम्हारे
आसमान पर अक्सर हम तुम्हारे
पैरों के निशान देखते है
हर परच्छाई में ज़मीन पर
इक तुम्हारी परच्छाई देखते है
आसमान पर अक्सर हम तुम्हारे
पैरों के निशान देखते है
आ आ
खुशियों की तरफ ही
खींचे चले जाते है हम
ओ ओ ओ..खुशियों की तरफ ही
खींचे चले जाते है हम
गर होता ना घूम तो
खुशिया भी लगती कम
इक है हम बस टुकड़ो में
बात गया है एहसास
हर जज़्बे में ज़मीन पर
इक तेरा ही जज़्बा देखते है
आसमान पर अक्सर
हम तुम्हारे
पैरों के निशान देखते है

है मुसाफिर सभी
मंज़िल की तलाश में हम
है मुसाफिर सभी
मंज़िल की तलाश में हम
मिलेगी यक़ीनन मंज़िल
हमें रखना दूं
एक है राह बस गलियों
में खो गये रास्ते
हर रूह में ज़मीन पर
एक तेरी रूह देखते हैं
आसमान पर अक्सर
हम तुम्हारे
पैरों के निशान देखते है

Trivia about the song Aasmaan Par by Javed Ali

Who composed the song “Aasmaan Par” by Javed Ali?
The song “Aasmaan Par” by Javed Ali was composed by Alimchand Prakash.

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