Dhoop Mein Zindagi

SHABBIR AHMED, VINAY MUSIC

धूप मे ज़िंदगी की लहरे
तेरी ज़ुल्फो के खुशनुमा साए
इश्क़ के आईने मे हर लम्हा
तेरा वजूद ही नज़र आए

मेरे हाथो की इन लकीरो मे
तेरा चेहरा दिखाई देता है
तुझको महसूस जो भी होता है
सॉफ मुझको सुनाई देता है
चाँद उतरे कभी जो खिड़की से
मेरे कमरे मे ही ठहर जाए
इश्क़ के आईने मे हर लम्हा
तेरा वजूद ही नज़र आए
धूप मे ज़िंदगी की लहराए
तेरी ज़ुल्फो के खुशनुमा साए

रूबरू तुझसे गुफ्तगू होगी
घर के दीवारो
तक महक जाएँगे
दिल के आँगन मे रोशनी होगी
रूह के रिश्ते ना टूट पाएँगे
टूट कर आस्मा की बाहो से
हर तरफ चाँदनी बिखर जाए
इश्क़ के आईने मे हर लम्हा
तेरा वजूद ही नज़र आए
धूप मे ज़िंदगी की लहराए
मेरी ज़ुल्फो के खुशनुमा साए

धूप मे ज़िंदगी की लहराए
तेरी ज़ुल्फो के खुशनुमा साए

Trivia about the song Dhoop Mein Zindagi by Javed Ali

Who composed the song “Dhoop Mein Zindagi” by Javed Ali?
The song “Dhoop Mein Zindagi” by Javed Ali was composed by SHABBIR AHMED, VINAY MUSIC.

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