Khushamadeed

Ram Chauhan

दिलों की खुराफ़ात से
जो तेरी मेरी बात हो

दिलों की खुराफ़ात से
जो तेरी मेरी बात हो
निसार तुझपे यार हूँ
मिलन फिर से आज हो

पेहर पूरे आठ हो
तेरी मेरी बात हो
बसर हमारा साथ हो
दिलों की मुलाकात हो
सर्द सर्द सी हवाएं
तेरी और खींच लाए
साथ साथ तेरे
मैं जीयूँ

खुशामदीद लगे अज़ीज़
तेरे करीब मैं हुआ
खुशामदीद लगे अज़ीज़
तेरे करीब मैं हुआ

मैं यूँ चला तेरी ओर मुड़ चला
हो जो मेरे दिल का वो ठिकाना

तू क्यों छुपाना चाहे
इश्क ना जताना चाहे
कैसा है ये तेरा दिल लगाना

तेरे बाजू बैठ के
दिल तेरा ले लिया
तुझसे ये इश्क है निभाना

सर्द सर्द सी हवाएं
तेरी और खींच लाए
साथ साथ तेरे
मैं जीयूँ

खुशामदीद लगे अज़ीज़
तेरे करीब मैं हुआ
खुशामदीद लगे अज़ीज़
तेरे करीब मैं हुआ

तेरी फ़िक्र में चली
ज़िक्र करे हर गली
यादों में ये तेरी याद आना

तू क्यों ना आना चाहे
इश्क ना जताना चाहे
रस्में मोहब्बत तू निभाना

तेरे इंतजार में
सिर्फ तेरे प्यार में
गुज़रा है मेरा एक जमाना

सर्द सर्द सी हवाएं
तेरी और खींच लाए
साथ साथ तेरे
मैं जीयूँ

खुशामदीद लगे अज़ीज़
तेरे करीब मैं हुआ
खुशामदीद लगे अज़ीज़
तेरे करीब मैं हुआ

Trivia about the song Khushamadeed by Javed Ali

Who composed the song “Khushamadeed” by Javed Ali?
The song “Khushamadeed” by Javed Ali was composed by Ram Chauhan.

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