Labb Par Aaye

Sameer Samant

लब पर आए गीत सुहाने
माने ना जियरा लाख बहाने

लब पर आए गीत सुहाने
माने ना जियरा लाख बहाने
लब पर आए गीत सुहाने
माने ना जियरा लाख बहाने
याद तिहारी आई सताने
मन लागे रे पछताने हो
मोरे सइयाँ
मैं लागू तोरे पईयाँ
बलमवा ना जा ओ परदेश
सजना जी करूँ मैं कैसे राज़ी
पिया जी लागे जिया को ठेस

ओ मन की पीड़ा
कोई ना जाने
मन ये जाने
मैं जाऊन ना जाने बैर ये दुनिया
आए न बादल नीर बहाने
ना कोई भवरा न कालियान मुर्झाये हाये ये बगियाँ
लड़ पछताऊँ समझ ना पाऊँ
रूठे पिया को कैसे मनाऊँ
भेद जिया के किस को दिखाऊँ
किस को बताऊँ कलेश हो
कनहाई ना छोड़ रे कलाई
दुहाई भुल ना जा दरवेज
मोरे सइयाँ
मैं लागू तोरे पइयाँ
बलमवा ना जा ओ परदेश
लागे जिया को ठेस
लागे जिया को ठेस
लागे जिया को
लागे जिया को
लागे जिया को ठेस

Trivia about the song Labb Par Aaye by Javed Ali

Who composed the song “Labb Par Aaye” by Javed Ali?
The song “Labb Par Aaye” by Javed Ali was composed by Sameer Samant.

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