Tera Saath

Deepak Rupani, Manish Sharma

तेरा साथ निभाया था तुझ पे
एतबार किया
रहना ही था जो तनहा अकेले
क्यों था प्यार किया
कैसे मैं यह जिंदगी
यूं ही गुजर जाने है
होठों में दबी अर्जी है
आंखों में पानी है
ख्वाहिशों में गुम मैं और तुम बिखरे हुए साए हैं
कुछ लम्हे यादों से मांग के हम आए है
गूंजे कहीं आसमानों में
ये तेरी मेरी दासता
ढूंढे तुझको जहानों में
तड़पती हुई वादिया

जो कुछ भी था मैंने पाया
सब हार गया
जिसने था मुझे जीना सिखाया
वो ही मार गया
सोचा भी नहीं था ये कभी
याद बिना आऊंगा
तेरे शहर से मैं कहीं
दूर चला जाऊंगा
तू ही बता ये हौसला
अब मैं कहां से लाऊंगा
जा तुझको माफ किया
और ना कुछ कर पाऊंगा
गुंजे कहीं आसमानों में
ये तेरी मेरी दासता
ढूंढे तुझको जहानों में
तड़पती हुई वादियां
गुंजे कहीं आसमानों में
ये तेरी मेरी दासता
ढूंढे तुझको जहानों में
तड़पती हुई वादियां

आ आ आ आ आ आ (आ आ आ)

Trivia about the song Tera Saath by Javed Ali

Who composed the song “Tera Saath” by Javed Ali?
The song “Tera Saath” by Javed Ali was composed by Deepak Rupani, Manish Sharma.

Most popular songs of Javed Ali

Other artists of Pop rock