Kalank [Cover]
हवाओं में बहेंगे
घटाओं में रहेंगे
तू बरखा मेरी, मैं तेरा बादल पिया
जो तेरे ना हुए तो
किसी के ना रहेंगे
दीवानी तू मेरी, मैं तेरा पागल पिया
हजारों में किसी को
तकदीर ऐसी
मिली है एक रांझा
और हीर जैसी
ना जाने ये जमाना
क्यूं चाहे रे मिटाना
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
दुनिया की नज़रों में ये रोग है
हो जिनको वो जाने ये जोग है
एक तरफा शायद हो दिल का भरम
दो तरफा है तो ये संजोग है
लाई रे हमें जिंदगानी की कहानी कैसे मोड़ पे
हुए रे खुदसे पराए
हम किसी से नैना जोड़ के
हजारों में किसी को
तकदीर ऐसी
मिली है एक रांझा
और हीर जैसी
ना जाने ये जमाना
क्यूं चाहे ये मिटाना
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया
कलंक नहीं, इश्क़ है काजल पिया