Barsaat Ki Dhun

Rashmi Virag

किसी शायर का दिल बनके
बरसती हैं बूँदें तुम पे
किसी शायर का दिल बनके
बरसती हैं बूँदें तुम पे
नज़ारा, उफ़, क्या होता है
गुज़रती हैं जब ज़ुल्फ़ों से
दूर कहीं अब जाओ ना तुम
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
दिल में यही एक ग़म रहता है
साथ मेरे तू कम रहता है
हाँ, दिल में यही एक ग़म रहता है
साथ मेरे तू कम रहता है
छोड़ के अभी जाओ ना तुम
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन

हाँ, धीरे-धीरे, हौले-हौले भिगा देंगी ये बरसातें
हो, धीरे-धीरे, हौले-हौले भिगा देंगी ये बरसातें
जाने कहाँ फिर मिलेंगी हमें ऐसी मुलाक़ातें
सँभालूँ कैसे मैं दिल को?
दीवाना चाहे बस तुम को
ख़्वाहिशों में ही जल रहा हूँ मैं यहाँ
वो पहली सी बारिश बनके
बरस जाओ ना तुम हम पे
हवा का रुख़ बदल जाए
मोहब्बत करना तुम ऐसे
ख़्वाब मेरा ये तोड़ो ना तुम
व्हो ओ व्हो ओ व्हो ओ व्हो ओ व्हो ओ व्हो ओ
जिस्मों पे बरसती बारिश ने रूह भिगा दी है
इस मौसम की साज़िश ने ये नींद उड़ा दी है
वैसे तो डुबाने को बस एक बूँद ही काफ़ी है
सोचो तो ज़रा क्या होगा, अभी रात ये बाक़ी है
साथ मेरे बह जाओ ना तुम
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
बिजली चमकी, लिपट गए हम
बादल गरजा, सिमट गए हम
बिजली चमकी, लिपट गए हम
बादल गरजा, सिमट गए हम
होश भी हो जाने दो गुम
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन
सुन, सुन, सुन, बरसात की धुन सुन

Trivia about the song Barsaat Ki Dhun by Jubin Nautiyal

Who composed the song “Barsaat Ki Dhun” by Jubin Nautiyal?
The song “Barsaat Ki Dhun” by Jubin Nautiyal was composed by Rashmi Virag.

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